हारी बाजी पलट सकता है भाजपा और आरएसएस का संयुक्त समीकरण: सिंहदेव

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 बिलासपुर | चुनावी वर्ष में भाजपा की स्थिति पर  श्री सिंहदेव ने कहा कि भाजपा को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए। पिछले चुनाव में करारी हार के बावजूद भाजपा और आरएसएस का संयुक्त समीकरण हारी बाजी को पलट सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक हताश और टूटे मनोबल के साथ सदन में पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि वे अपने ही गवर्नर का विरोध कर रहे हैं। लेकिन फिर भी आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा आरएसएस के गठजोड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इससे पहले एम्स की घोषणा के बाद बिलासपुर पहुंचने पर लोगों ने मंत्री सिंहदेव व विधायक शैलेष पांडेय का जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने माना कि यह बिलासपुर के लिए खुशी का मौका है और उन्होंने इसका पूरा श्रेय बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय को दिया। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से शैलेष इस मुद्दे को लेकर उनके पीछे पड़े हुए थे। उनके ही प्रयास से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखी गई और आज जब विधानसभा में यह मुद्दा उठा तो फिर उन्होंने यह ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह फैसला लिया है कि छोटे राज्यों में एक-एक एम्स खुलेगा। वहीं, बड़े राज्यों में एक से अधिक एम्स खोलने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में रायपुर में स्थित एम्स पर काम का अतिरिक्त बोझ है। छत्तीसगढ़ के अलावा आसपास के राज्यों से भी मरीज रायपुर एम्स पहुंचते हैं। इस कारण मरीजों को बिस्तर तक नहीं मिलता। टीएस सिंहदेव ने प्रदेश में दूसरा एम्स खोलने के लिए बिलासपुर को सबसे बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि इससे तीन संभाग के लोगों को लाभ मिलेगा।
हालांकि यह सब कुछ अभी प्रक्रियाधीन है। फैसला केंद्र सरकार को लेना है। अभी केंद्र ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। राज्य सरकार की भूमिका बस इतनी होगी कि अगर छत्तीसगढ़ में एम्स खुलने का प्रस्ताव आया तो वह इसके लिए बिलासपुर का नाम प्रस्तावित करेगी। सिंहदेव ने इस बात पर अफसोस जताया कि इसके लिए सांसदों को भी पहल करनी थी, लेकिन शायद यह सौभाग्य विधायक शैलेष पांडेय के नाम था।
राहुल गांधी की यात्रा सफल रही
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा विफल नहीं हुई है। भविष्य में पूरब से पश्चिम जोड़ो यात्रा भी निकल सकती है। इसका अनुकूल असर पड़ेगा। भाजपा की उत्तर पूर्व के राज्यों में विजय पर उन्होंने महाराष्ट्र और मेघालय का जिक्र करते हुए उनकी हार भी गिनाई।
मुख्यमंत्री न बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हाईकमान के हाथ में है। अमूमन विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही लड़ा जाता है इसलिए मुमकिन है कि इस साल के अंत में होने वाला चुनाव भी बघेल के नेतृत्व में लड़ाई जाए, लेकिन इसका अंतिम फैसला उन्होंने हाईकमान के ही हाथों में  छोड़ रखा है।

 

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