वेदांता के पास मौजूद नकदी का इस तरह यूज करने की योजना बना रहे हैं अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल

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अगर वेदांता रिसोर्सेज डिविडेंड देती है तो साल 2023 में 900 मिलियन डॉलर के नोट्स के लिए टेंडर ऑफर लाने में मदद मिल सकती है.

नई दिल्ली: वेदांता लिमिटेड के अनिल अग्रवाल अगले हफ्ते शेयरहोल्डर की अनुमति देने की योजना बना रहे हैं. वेदांता रिसोर्सेज के अनिल अग्रवाल एक योजना के लिए शेयर होल्डर की इजाजत लेना चाहते हैं जिससे कंपनी में नकदी की आवक बढ़े और अगले साल मैच्योर होने वाले बांड के भाव में तेजी दर्ज की जा सके. क्रेडिट मार्केट ने हालांकि संकेत दिये हैं कि वेदांता लिमिटेड के लंबी अवधि के कर्ज को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. वेदांता लिमिटेड की भारतीय इकाई के शेयरहोल्डर 11 अक्टूबर को कंपनी की उस योजना के लिए वोट करने वाले हैं.

वेदांता लिमिटेड की योजना है कि वह अपने रिजर्व से पैसे निकाले और उसे बैलेंस शीट में डाले. इससे कंपनी की डिविडेंड देने की क्षमता में इजाफा दर्ज किया जाएगा. लंदन स्थित वेदांता की पैरंट कंपनी के लिए डिविडेंड इस समय कर्ज चुकाने का सबसे बढ़िया जरिया बन गया है. अगर वेदांता रिसोर्सेज डिविडेंड देती है तो साल 2023 में 900 मिलियन डॉलर के नोट्स के लिए टेंडर ऑफर लाने में मदद मिल सकती है.

इस समय वेदांता रिसोर्सेज का नोट डॉलर की तुलना में 94 सेंट पर कारोबार कर रहा है. सन 2024 में मैच्योर होने वाले डॉलर सिक्योरिटीज मेन भी वेदांता को काफी मदद मिल सकती है. इस समय वह डॉलर की तुलना में 64 सेंट पर कामकाज कर रहा है. अगर किसी कंपनी के सिक्योरिटीज की कीमत 70 सेंट से कम हो तो इसे चिंताजनक स्थिति माना जाता है.

68 साल के अनिल अग्रवाल ने एक कबाड़ी की तरह कामकाज की शुरुआत की थी और पिछले दो दशक में उन्होंने कमोडिटीज कारोबार में शानदार तरक्की दर्ज की है. इस समय वेदांता भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम और जिंक प्रोड्यूसर कंपनी है. अग्रवाल के नेतृत्व वाली एक कंपनी इस समय दुनिया की ज्यादातर आईफोन की असेंबलिंग कर रही है. हाल में ही एक करार के तहत वेदांता गुजरात में चिप बनाने वाली यूनिट लगाने जा रही है.

 

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