रायगढ़ से लक्की गहलोत |
छत्तीसगढ़ की अजीत जोगी सरकार में सिंचाई मंत्री रहे डॉ. शक्राजीत नायक (78) का शनिवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। करीब एक माह से रायपुर के एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। उन्होंने कोरोना को भी मात दे दी थी, लेकिन अकस्मात वे जिंदगी की जंग हार गए। उनका अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव रायगढ़ के ग्राम नवापल्ली में किया गया। उनके बेटे प्रकाश नायक अभी रायगढ़ से कांग्रेस विधायक और पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं।
डॉ. शक्राजीत नायक करीब एक माह पहले कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर स्थित बालाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने कोरोना को भी मात दे दी थी। डॉ. नायक सरिया व रायगढ़ से तीन बार विधायक चुने गए थे। पहली दो बार भाजपा और फिर कांग्रेस से चुनाव लड़े। वे साल 2001 से 2003 तक अजीत जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
पहली बार में ही राजघराने की कमला देवी को दी शिकस्त
1990 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट से न केवल महल के प्रभाव को खत्म किया बल्कि कमला देवी को पराजित कर पहली बार विधायक भी बने। 1993 में फिर विधानसभा चुनाव हुए लेकिन इस बार वे कांग्रेस के जवाहर नायक से हार गए। 1998 के विधानसभा चुनाव में डॉ. शक्राजीत दूसरी बार सरिया से ही विधायक बने और उन्होंने जवाहर नायक को हरा दिया।
2001 में ज्वाइन कर ली कांग्रेस
साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ और अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने तो भाजपा के 12 विधायकों ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसमें डाॅ. शक्राजीत नायक भी शामिल थे। उन्होंने पार्टी बदली और जोगी सरकार में वे जल संसाधन मंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्होंने रायगढ़ जिले में सिंचाई को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम शुरू कराया। इसी समय नए परिसीमन में सरिया विधानसभा सीट खत्म कर दी गई। साल 2003 में वे कांग्रेस की टिकट पर रायगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन विजय अग्रवाल से हार गए।
फिर बेटे को सौंप दी अपनी विरासत
2008 में कांग्रेस ने उन्हें फिर टिकट दिया और वे तीसरी बार विधायक बने। 2013 में वे भाजपा के रोशनलाल अग्रवाल से चुनाव हार गए। इसके बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता कम होती चली गई और उन्होंने अपने बेटे प्रकाश नायक को राजनीतिक विरासत सौंप दी। 2018 में उन्होंने प्रकाश नायक को कांग्रेस की टिकिट दिला दिया और जीत भी दिलाई।
पिछले कुछ सालों से तबीयत खराब ही रही
राजनीति से तकरीबन सन्यास के बाद उनकी सक्रियता कम हो गई थी। वे सभा-समारोह में भी कम ही जाते थे। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुईं। इस दौरान वे लगातार अस्पताल में दाखिल होते रहे। अभी इस साल मार्च में उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और इसके बाद वे ठीक नहीं हो सके।
पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. शक्राजीत नायक के निधन पर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिला अध्यक्ष अरुण मालाकार, शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ल समेत जिले के तमाम नेता व कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि श्री नायक का चले जाना एक युग का अंत है।