भू-विस्थापितों का अनोखा आंदोलन
कोरबा | औद्योगिक जिला कोरबा के पश्चिमांचल क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति से प्रभावित ग्रामीणों द्वारा आज शांति पूर्ण तरीके से किए गए एक अनोखे आंदोलन का परिदृश्य सामने नजर आया है। एस.ई.सी.एल. के विस्थापन प्रभावित गांव बरभांठा के ग्रामीणों ने ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त पेयजल संकट की ओर प्रबंधन का ध्यान आकर्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में एस.ई.सी.एल. के सीएमडी ए.पी. पांडे व गेवरा प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक एस.के. मोहंती की तस्वीर के सामने अगरबत्ती जलाकर न केवल पूजा-अर्चना की बल्कि नारियल फोड़कर प्रसाद का भोग भी लगाया।
सार्थक दुनिया संवाददाता से बात करते हुए बरभांठा के ग्रामीणों ने कहा कि ध्यान आकृष्ट करने के लिए किए गए इस सांकेतिक आंदोलन के बाद भी यदि अब भी कुंभकर्णी नींद में सोया एसईसीएल प्रबंधन नहीं जागता है तो आंदोलन का और विस्तार किया जाएगा।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व ही छत्तीसगढ़ किसान सभा ने एसईसीएल के गेवरा महाप्रबंधक को पत्र लिखकर बरभांठा गांव में तत्काल टेंकरों के माध्यम से पानी देने की मांग की थी। उन्होंने बताया था कि इस गांव से लगे कोयला खदानों में खनन के कारण गांव के तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गए हैं।
पिछले वर्ष तक एसईसीएल द्वारा भेजे जा रहे टैंकरों से ग्रामीणों को थोड़ी- बहुत राहत मिल जाती थी लेकिन इस वर्ष ग्रामीणों को इस बुनियादी सुविधा से भी वंचित कर दिया गया है। इसके चलते कोरोना महामारी के संकट और लॉक डाऊन के कारण पेयजल और निस्तारी के लिए उन्हें काफी भटकना पड़ रहा है।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा, सहसचिव दीपक साहू ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन के इस रवैए के खिलाफ ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों को अपना भगवान मानते हुए पूजा-अर्चना की, ताकि वे खुश होकर इस गांव में अपनी दया-दृष्टि बरसाए और पेयजल संकट से निजात दिलायें।