“मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के अवसर पर निकली शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा फैल गई थी. हिंसा में खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी भी जख्मी हो गए थे. पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया है. जुलूस पर पथराव करने वाले आरोपियों की अवैध संपत्तियां तोड़ी जा रही हैं.”
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के अवसर पर निकली शोभायात्रा पर पथराव के बाद से इलाके में माहौल तनावपूर्ण है. हिंसा के मामले में अब तक करीब 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, मुस्लिम धर्मगुरुओं का दावा है कि प्रशासन जानबूझकर उनके समुदाय के लोगों को टारगेट कर रहा है. इनका कहना है कि रामनवमी के जुलूस में शामिल लोगों ने मस्जिदों पर भगवा झंडे फहराए और आपत्तिजनक नारेबाजी की.
हिंसा में खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी भी जख्मी हुए हैं. उनके पैर में गोली लगी है. उन्होंने बताया कि आखिर उनके साथ क्या क्या हुआ था.
समाचार एजेंसी से बातचीत में चौधरी ने बताया कि मुझे जैसे ही हिंसा और आगजनी की सूचना मिली, मैं संजय नगर इलाके में पहुंचा तो तलवार लिए एक युवक मेरी ओर दौड़ा. लेकिन, जब मैंने उसका पीछा किया और उससे तलवार छीनने की कोशिश की, तो मेरे अंगूठे में चोट लग गई. उन्होंने बताया कि जब मैंने उसे दोबारा उसे पकड़ने की कोशिश की, तो उसके साथी ने उनपर गोली चलाई. इससे उनकी टांग में जख्म हो गया. हालांकि, सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी. फिलहाल, एसपी घर पर ही आराम कर रहे हैं.
कैसे फैली हिंसा, क्या कह रहे चश्मदीद?
खरगोन में हिंसा कैसे फैली, इस एंगल पर पुलिस अभी भी जांच कर रही है. एक चश्मदीद ने बताया कि खरगोन के तालाब चौक से रामनवमी का जुलूस निकाला गया. इसमें डीजे सिस्टम पर तेजी से धार्मिक गाने बजाए जा रहे थे. जब जुलूस एक मस्जिद के पास से निकला तो वहां पत्थरबाजी शुरू हो गई, इसके चलते हिंसा भड़क गई.
वहीं, एक और चश्मदीद ने कहा, जुलूस तय समय से देर से निकला. जब जुलूस मस्जिद से गुजर रहा था, तो कुछ लोगों ने जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया.
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई ये जांच का विषय- IG
हालांकि, इंदौर रेंज आईजी राकेश गुप्ता ने कहा, यह जांच का विषय है कि आखिर हिंसा की शुरुआत कैसे हुई. कहां से पथराव पहले शुरू हुआ. जैसे ही यह पता चल जाएगा, सब कुछ साफ हो जाएगा.
खरगोन कलेक्टर अनुग्रहा पी ने कहा, खरगोन में कर्फ्यू जारी रहेगा. हालांकि, अर्जेंट मेडिकल सेवाओं के लिए जनता को छूट जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि खरगोन में ग्रुजुएट और पोस्टग्रेजुएट एग्जाम आगे बढ़ा दिए गए हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से बताया गया कि पत्थरबाजी करने वालों को हिरासत में लिया जा रहा है. उनसे पूछताछ की जा रही है और उनकी अवैध संपत्ति जिसमें घर और दुकानें शामिल हैं, उन्हें तोड़ा जा रहा है.
अब तक 95 लोग गिरफ्तार
एएसपी नीरज चौरसिया ने बताया कि खरगोन में रविवार शाम से कर्फ्यू है. इसके बावजूद कुछ अराजकतत्वों ने तीन बसों को आग लगा दी, साथ ही एक कार गैराज को भी आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि रविवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक 95 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अब स्थिति काबू में है.
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की डीजीपी से मुलाकात
उधर, मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भोपाल में डीजीपी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि रामनवमी पर हिंसा के मामले में खरगोन और सेंधवा में प्रशासन द्वारा मुस्लिमों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है, जबकि रामनवमी जुलूस में शामिल लोगों ने मस्जिदों पर भगवा झंडे फहराए और आपत्तिजनक नारेबाजी की.
दरअसल, रामनवमी जुलूस पर पथराव की घटना बड़वानी जिले के सेंधवा में भी सामने आई थी. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आरोप लगाया कि खरगोन जिला प्रशासन ने बिना जांच के कई मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों और प्रॉपर्टियों को तोड़ दिया. यह कार्रवाई जल्दी में की गई. मुस्लिम धर्मगुरु काजी ए शहर भोपाल शैयद मुस्ताख अली ने मध्य प्रदेश डीजीपी सुधीर सक्सेना को ज्ञापन भी सौंपा.
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर भी केस दर्ज
उधर, मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर भोपाल में एक केस दर्ज किया गया है. दिग्विजय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने मस्जिद की गलत फोटो शेयर कर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की. दरअसल, दिग्विजय सिंह ने एक तस्वीर शेयर की थी, इसमें कुछ युवक भगवा झंडा लिए मस्जिद पर खड़े थे, उन्होंने इस फोटो को खरगोन का बताया. लेकिन ये फोटो बिहार का था. बाद में पूर्व सीएम ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.