छत्तीसगढ़ का डीएमएफ घोटाला: निलंबित IAS रानू साहू गिरफ्तार, माया वॉरियर के बाद ED की दूसरी बड़ी कार्रवाई

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सार्थक दुनिया न्यूज, रायपुर 
17 अक्टूबर, 2024 11:26 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने गुरुवार को जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अधिकारी रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया है। साहू को ईडी की रायपुर स्थित इकाई द्वारा इसी मामले में एक अन्य महिला अधिकारी माया वारियर को गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया। विशेष अदालत ने ईडी को दोनों अधिकारियों की 22 अक्टूबर तक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है। ईडी के अनुसार, दोनों अधिकारी डीएमएफ घोटाले में मुख्य आरोपी हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। आईएएस अधिकारी के खिलाफ यह एफआईआर डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक कार्यकारियों के साथ मिलीभगत करके सरकारी खजाने के पैसे की हेराफेरी करने के आरोप में दर्ज की गई थी।

यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि से प्राप्त धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। डीएमएफ खनिकों द्वारा वित्तपोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए स्थापित किया गया है।

आपको बता दें कि मई 2021 से जून 2022 तक रानू साहू छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की जिला कलेक्टर थीं और माया वारियर कोरबा में आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त थीं। ईडी ने एक बयान में कहा, “कोरबा में उनके (साहू और वारियर दोनों) कार्यकाल के दौरान, विक्रेताओं और ठेकेदारों से अवैध कमीशन संग्रह की एक संगठित प्रणाली संचालित की जा रही थी।”

ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला कि “ठेकेदारों ने अधिकारियों को कमीशन और अवैध रिश्वत के रूप में भारी मात्रा में भुगतान किया है, जो अनुबंध मूल्य का 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक है।” बयान में आगे कहा गया है, “रिश्वत के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई नकदी विक्रेताओं और ठेकेदारों द्वारा समायोजन प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी।”

मामले में ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि कोरबा जिले को आवंटित डीएमएफ फंड की राशि इसकी स्थापना से लेकर वित्तीय वर्ष 2022-23 तक ₹ 1,000 करोड़ से अधिक है। इससे यह भी पता चला है कि प्रचलित दर के हिसाब से कमीशन की राशि सैकड़ों करोड़ में है।

इससे पहले, ईडी की रायपुर इकाई ने डीएमएफ घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर सरकारी अधिकारियों, विक्रेताओं, ठेकेदारों और आवास प्रविष्टि प्रदाताओं के मामले में तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप 2.32 करोड़ रुपये मूल्य के आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, नकदी और बैंक बैलेंस और आभूषण जब्त किए गए थे।                                     (पीटीआई से साभार)

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