पूर्ववर्ती सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार ही सबसे अधिक किसान विरोधी और षड्यंत्रों में संलिप्त रही : कॉ. राजन शिवसागर

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जांजगीर-चांपा, (सार्थक दुनिया न्यूज)। अखिल भारतीय किसान सभा की विस्तारित बैठक 31 अगस्त को चांपा शहर में स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मुख्यालय में सम्पन्न हुई, जिसमें कोरबा जिले से आमंत्रित कॉ. राम मूर्ति दुबे, कॉ. कमलेश चौहान, कॉ. आनंद सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता चांपा नगर के वरिष्ठ साथी कॉ. संतुदास महंत ने की।


इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉ. राजन शिवसागर और मध्य प्रदेश किसान सभा के साथी कॉ. जनक लाल राठौर भी मार्गदर्शन के लिए विशेष तौर पर उपस्थित रहे। इस बैठक में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले से आए किसान सभा से जुड़े लगभग 60 साथियों ने हिस्सा लिया।
बैठक की शुरुआत अखिल भारतीय किसान सभा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रहे दिवंगत साथी कॉमरेड अतुल कुमार अंजान को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। कॉ. निसार अली ने छत्तीसगढ़ी जनगीत के साथ नाचा गम्मत शैली में किसानों से जुड़े समस्याओं पर प्रभावी कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके बाद किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड राजन ने विभिन्न जिलों से आये किसान साथियों से परिचय लेते हुए विस्तार से उनका वक्तव्य भी सुना। प्रायः सभी साथियों ने अपने-अपने जिले की समस्याओं को गंभीरता से रखा। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर देश भर में चल रहे आंदोलनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने वर्ष 1936 में गठित किए गए अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा आज तक किसान हित में किये गये सभी संघर्षों और योगदान का उल्लेख करते हुए वर्तमान में देश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों का किसानों पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी ध्यान आकृष्ट किया।
कॉमरेड राजन ने बताया कि पूर्ववर्ती सभी सरकारों की तुलना में वर्तमान की मोदी सरकार सबसे ज्यादा किसान विरोधी और षड्यंत्रों में संलिप्त रही है। इस सरकार ने किसानों को बर्बाद करने वाले 03 नये काले कानून लाये हैं जिसे रोकने के लिये देशभर के किसान संगठनों द्वारा जमकर आंदोलन किया जा रहा है। इस आंदोलन में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यूपी के किसान संगठन शामिल हैं। इस आन्दोलन में भी हमारे किसान संगठन “अखिल भारतीय किसान सभा” की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश कमेटी में AIKS के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्व. कामरेड अतुल कुमार अंजान ने किसानों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस तरह उ‌द्योगपतियों के प्रोडक्ट पर एमआरपी होता है उसी तरह किसानों के समस्त उत्पाद पर भी MSP यानी न्यूनत्तम समर्थन मूल्य की गारंटी होना चाहिए। जिस तरह केन्द्र सरकार ने अपने मित्र उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपयों से अधिक का कर्जा माफ किया है, ठीक उसी तरह देश भर के समस्त किसानों का पूरा कर्जा जो महज़ कुछ लाख करोड़ रुपये ही है, उसे माफ कर देना चाहिए। जिसके लिए हमारा संगठन अखिल भारतीय किसान सभा देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर कर्जा माफी की मांग करने सहित कृषि उत्पादन के साधनों पर लगने वाले टेक्स को भी ‘फ्री’ करने करने की मांग करेगी।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार देश के किसानों को रिटायर करने की साजिश कर किसानों की जल, जंगल, जमीन और खेती को अपने कॉरपोरेट मित्रों को देकर लुटवा रही है। मोदी सरकार आदिवासी चेहरा सामने रख देश के आदिवासियों को ही लुटने का षड़यंत्र कर रही है। छत्तीसगढ़ की हसदेव अरण्य क्षेत्र की लाखों-लाख हरे भरे पेड़ों को काटकर अपने मित्र अदानी समूह को कोयले की खदान देकर हसदेव नदी का स्वरुप को बिगाड़ा जा रहा है। यह विकास नही केवल विनाश है और लूट तंत्र की खुली छूट है।
मध्य प्रदेश किसान सभा के साथी कामरेड जनक लाल राठौर ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सिंचाई व्यवस्था एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे लेकर हम प्रदेश भर में आन्दोलन चलायेंगे। इन दोनों राज्य में आदिवासियों की संख्या अधिक है। इनके हक अधिकार के लिए  जल, जंगल, जमीन और संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

• सितम्बर-अक्टूबर तक राज्य के सभी जिलों का सम्मेलन और नये ब्रांचों का गठन का कार्य पूर्ण किया जायेगा।
• छत्तीसगढ़ राज्य का सांगठनिक सम्मेलन 22 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को चांपा में होगा, जिसमें AIKS के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिनिधि चुने जायेगें।
• राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी के लिए 11 सदस्यीय समन्वय कमेटी का गठन किया जाएगा जिसके लिए कॉ. कमलेश को संयोजक बनाया गया।

बैठक में कॉ. संतुदास महंत, कॉ. सत्य नारायण कमलेश, कॉ. मुकेश बोहरा, कॉ. केराराम मन्नेवार, कॉ. अनिल शर्मा, कॉ. निसार अली, कॉ. इन्द्रसेन सिंह ठाकुर, कॉ. राजकुमार कौशिक, कॉ. बसंत कुमार साहू, कॉ. देवेन्द्र खांडेकर, कॉ. बजरंग पटेल, कॉ. बिहारी लाल कर्ष, कॉ. रामासिंह गोंड, कॉ. कन्हैया सिंह गोंड़, कॉ. घासीराम गोंड़, धनीराम गोंड़, कॉ. मनोहर सिंह कहरा, कॉ. तिरिथ राम पटेल, कॉ. बालाजी साहू, कॉ. श्याम बिहारी बनाफर, कॉ. कमलेश चौहान, कॉ. राममूति दुबे, कॉ. आनंद सिंह कंवर, कॉ. केडी महंत, कैलाश पटेल, मनमोहनदास मानिकपुरी, रघुनन्दन साहू, ताराचंद साहू, चैतराम वारे, लकेश्वर चौहान, लखन राठौर, रामप्रसाद सिदार, हरि साहू, दशरथ केंवट एवं सुखसिंह सहित बड़ी संख्या में पार्टी और किसान सभा के सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन कॉ. सत्य नारायण कमलेश ने किया।

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