मथुरा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर बिक रही वृंदावन की ब्रज रज विदेशों में भी बेची जाती है. वृंदावन में डाक घर कर्मचारी ने बताया कि वृंदावन के कुछ आश्रमों से लोग ब्रज रज के पैकेट बनाकर विदेशों में स्पीड पोस्ट या पार्सल से भेजे हैं और उसके एवज में मोटा पैसा वसूलते हैं.
फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वृंदावन की मिट्टी बेचे जाने से सनातनियों में काफी उबाल है. अमेजॉन पर यह ब्रज रज 1200 रुपये से 3500 रुपये किलोग्राम तक बेची जा रही है. वहीं कई अन्य प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे पैकेट बनाकर ब्रज रज बेची जा रही है. वृंदावन और ब्रज के लोग इस तरह ब्रज रज की खरीद-फरोख्त के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का कहना है जिस मिट्टी में खेलकर भगवान कृष्ण बड़े हुए हैं, जिस मिट्टी को उन्होंने बचपन में खाया है, उस मिट्टी का इस तरह व्यापार ठीक नहीं है. हालांकि आपको बता दें कि ब्रज रज का यह व्यापार सिर्फ ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वाले ही नहीं कर रहे हैं, वृंदावन के कुछ आश्रमों के लोग भी इस ब्रज रज को विदेशों में भेजकर मोटा पैसा कमाते हैं.
वृंदावन के गोपीनाथ बाजार स्थित डाक घर के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस ब्रज रज को ऑनलाइन बेचा जा रहा है, दरअसल उस ब्रज रज को विदेशों में भी बेचा जाता है. वृंदावन में बने आश्रमों में रहने वाले कुछ लोग ब्रज रज के पैकेट बनाकर लाते हैं और विदेशों में भेजते हैं.