सिटी बस को ठेके पर चला रहे निजी बस मलिक, बस चालक व परिचालक को PF भी नहीं – सिन्हा

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कोरबा, (सार्थक दुनिया न्यूज) । जिले के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी अपने एक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार की महती योजनाओं मे से एक सिटी बस का संचालन गरीब, मजदूर, विद्यार्थियों और आम जनमानस के लिए किया गया था जो पूरी तरह से परिवहन ठेकेदार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इसके चलते केंद्र सरकार की इस महती योजना के लाभ से क्षेत्र की आम जनता वंचित हो गई है।


इस मामले को लेकर कई बार पत्र लिखने के बाद भी निगम और जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। पूर्व में किए गए एग्रीमेंट के तहत जानबूझकर निगम अधिकारियों ने इस अनुबंध में ट्रांसपोर्ट ठेकेदार से सिटी बस रिपेयरिंग का उल्लेख नहीं किया जिसके चलते 48 नई सिटी बसों का ठेकेदार ने जमकर दोहन करते हुए भारी कमाई की। जब बस के रिपेयरिंग का समय आया तो बहाना बनाकर सिटी बस चलाने से ही इनकार कर दिया। मामला जब हाई कोर्ट में गया, एग्रीमेंट में बस रिपेयरिंग का कोई उल्लेख नहीं होने के चलते करोड़ों रुपए की लागत से खरीदी गई सिटी बस भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई।
सिन्हा ने आगे बताया कि 2023 में 48 सिटी बसों के स्थान पर 14 बसें चलाई गई जिसे आज उंगलियों में गिना जा सकता है। सभी बसें रिपेयरिंग के अभाव में खड़े कर दिये गए हैं । वर्तमान ठेकेदार द्वारा सिटी बसों के परमिट पर निजी बसों को चलाया जा रहा है। निजी बस वाले भी कोरबा- चांपा मार्ग पर अधिक किराया वसूली कर सिटी बस के परमिट पर निजी बसें चलवा रहे हैं जिससे राज्य शासन को राजस्व की भारी क्षति उठानी पड़ रही है। आपको बता दें कि निजी बस के मुकाबले सिटी बस के रोड टैक्स बहुत कम है। इस लिहाज से सिटी बस के जगह उसके परमिट पर चलाई जा रही बसों के माध्यम से रोड टैक्स में भारी घोटाला हो रहा है जो चिंता का विषय है। इतना ही नहीं लोकल स्तर पर भी कुछ सिटी बस चलाई जा रही है। उसे भी ठेकेदार द्वारा निजी बस संचालक को ठेके पर दे दिया गया है। जानकारी के मुताबिक प्रत्येक सिटी बस से ₹2000 प्रतिदिन लिया जा रहा है जो भ्रष्टाचार का सूचक है। संबंधित विभागीय अधिकारी को इसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करना तथा शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है l
सिन्हा ने आगे कहा कि सिटी बसों में कार्यरत चालक, परिचालकों को लेबर एक्ट के तहत न तो पीएफ दिया जा रहा है न ही कोई मेडिकल सुविधा। आखिरकार श्रम विभाग इस मामले में कर क्या रहा है ? जबकि इस मामले को लेकर बस चालक और परिचालक बस ठेकेदार के रवैये से काफी क्षुब्ध हैं तथा यह मांग कर रहे हैं कि बस परिवहन का ठेका किसी अन्य ठेकेदार को दिया जाए ताकि आम जनता को केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त सिटी बस संचालन का लाभ गरीबों, मजदूरों, विद्यार्थियों या आम जनता को पूरी तरह से मिल सके l

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