रायपुर, (सार्थक दुनिया न्यूज़) | छत्तीसगढ़ की वनवासी महिलाओं के कौशल और उनके प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर न केवल पहचान मिल रही है, बल्कि उन्हें सम्मान भी हासिल हो रहा है।
राज्य को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ को संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। पुरस्कार ग्रहण करने हेतु कल 20 जुलाई को यह दल माना विमानतल रायपुर से सिंगापुर के लिए रवाना हुआ।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि सिंगापुर में आगामी 22 और 23 जुलाई को आयोजित ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह पुरस्कृत होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरांत संभवत: यह पहला अवसर है, जब महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा पर हैं।
सिंगापुर की यह उड़ान आकांक्षाओं और सपनों की ऊंची उड़ान है। बकावंड वन धन केन्द्र की सदस्य पद्मिनी बघेल तथा बेलाबाई कश्यप तथा डोंगानाला वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल तथा फूलबाई नेती को उनके चाहने वालों ने सिंगापुर के लिए रवाना किया। वास्तव में यह वन धन विकास के सदस्यों की यह उड़ान, ऐसी सैकड़ों महिलाओं और वनवासियों की आशाओं की उड़ान है।
बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के ये वनवासी प्रतिनिधि 150 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार ग्रहण करते हुए, छत्तीसगढ़ मॉडल तथा सतत विकास की कहानी भी सुनाएगी। इस समारोह में पूरी दुनिया के व्यवसायी, बैंकर्स, इनवेस्टर्स, पर्यावरणविद तथा शासकीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में छत्तीसगढ़-हर्बल्स को नई पहचान मिलेगी।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के इस दल का नेतृत्व राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला कर रहे है तथा अपर प्रबंध संचालक बी. आनंद बाबू एवं वनमंडल अधिकारी स्टायलो मण्डावी दल में सम्मिलित हैं।
छत्तीसगढ़ की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री बघेल और वन मंत्री अकबर ने राज्य लघु वनोपज संघ सहित वनधन केन्द्रों के समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।