आजकल शादी का सीजन अपने चरम पर है। शादी को अनोखी और यादगार बनाने के लिए लोग भिन्न-भिन्न प्रकार के नुस्खे अख्तियार करते हैं। कभी कोई दूल्हा द्वारपूजा के वक्त डांस करता हुआ दिखाई दे जाता है, तो कभी दुल्हन। इतना ही नहीं, कोई दूल्हे की कार को पूरा कुरकुरे और चिप्स की दुकान बना देता है, तो कोई हेलीकॉप्टर से ही दुल्हन के दरवाजे पर पहुंच रहा है। लेकिन, बिहार के सिवान जिले में जीरादेई के इलाके की एक शादी में एक जेसीबी धन्य हो गया। शादी को यादगार और अनोखी बनाने के लिए दुल्हन पक्ष की ओर से मटकोड़ की रस्म के दौरान बुआ की जगह पर जेसीबी की ही पूजा करके मिट्टी खुदवाई गई। अब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
यह अनोखी शादी सिवान जिले के जीरादेई प्रखंड के छितनपुर गांव में संपन्न हुई। इस गांव के निवासी विनोद सिंह की छोटी बेटी की शादी के लिए मड़वा (मंडपाच्छादन) के लिए मिट्टी लाने के लिए मटकोड़ करना था.श। अक्सर मटकोड़ में दूल्हा या दुल्हन की बहन या बुआ ही इस रस्म को निभाती हैं, लेकिन इस मटकोड़ में बुआ या बहन से रस्म निभानें के बदले जेसीबी को मिट्टी कोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इस मटकोड़ के रस्म वाले वीडियो में दिखाई दे रहा है कि मड़वा के लिए मिट्टी खोदने से पहले दुल्हन की मां जेसीबी की पूजा कर रही हैं। उनके साथ में गांव की कुछ महिलाएं गीत-नाद गाती हुई नजर आ रही हैं। पूजा होने के बाद नेग लेने के बाद जेसीबी का ड्राइवर मिट्टी की खुदाई कर देता है।
आपको बताते चलें कि बिहार-झारखंड समेत कई राज्यों में शादी में मंडपाच्छादन से पहले मटकोड़ की रस्म को निभाया जाता है। इसके पीछे पहला कारण धरती माता को निमंत्रण देना है और दूसरा यह कि धरती माता को निमंत्रण देने के बाद उनके आर्शीवाद के लिए पूजा स्थल से मिट्टी खोदकर लाई जाती है, जिसे मड़वा के खंभों को गाड़ने के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इसी मिट्टी से शादी की बेदी भी बनाई जाती है। यह अनोखी शादी बुधवार को ही संपन्न हुई है।
इस बारे में लड़की की मां ने बताया कि पूरे परिवार की इच्छा थी कि घर की सबसे छोटी लड़की की शादी को एक अलग अंदाज में करना है। इसे पूरा करने के लिए ही जेसीबी से मटकोड़ की रस्म की गई। हालांकि, उनके घर में 4 अन्य संतानों की शादी में मटकोड़ का रस्म पारंपरिक तरीके से संपन्न हुआ। बता दें कि इस अनोखी शादी को लेकर पूरे इलाके में चर्चा हो रही है।