विष्णु सरकार में बंद हुई भूपेश राज की 15 योजनाएं, युवाओं को अब नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता, गोबर-गोमूत्र की खरीदी भी बंद

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रायपुर, (सार्थक दुनिया न्यूज)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने छत्तीसगढ़ में चल रही पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार की 15 प्रमुख योजनाओं को बंद कर दिया है। अब प्रदेश में गोबर-गोमूत्र की खरीदी नहीं होगी। सरकार ने पिछली सरकार की कई प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए बजट 2024-25 में राशि का प्रविधान नहीं किया है।

इसमें नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी सुराजी योजना से लेकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना, स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना, गोधन न्याय योजना, छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक योजना, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाएं शामिल हैं। साय सरकार के बजट में इन योजनाओं का कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में ये योजनाएं नए वित्तीय सत्र से बंद हो जाएंगी। हालांकि सरकार ने कुछ योजनाओं के नाम और स्वरूप में बदलाव करके उन्हें आगे चलाने का निर्णय लिया है। इसमें बिजली बिल हाफ योजना, स्वामी आत्मानंद योजना के रूप में बदलाव करने की तैयारी है।

इन योजनाओं के लिए बजट में जिक्र नहीं

गोधन न्याय योजना: गोबर-गोमूत्र खरीदी और इससे उत्पाद बनाने की योजना बंद हो जाएगी।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना: आदिवासियों को साधने के लिए भूपेश सरकार ने मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत गांव-गांव तक आदिवासियों के त्योहारों को मनाने के लिए सरकार ग्राम पंचायतों को अनुदान का प्रविधान था।
छत्तीसगढ़ कल्चर कनेक्ट योजना: पिछले बजट में धार्मिक न्यास व धर्मस्व विभाग की ओर से यह योजना तीर्थ स्थलों के भ्रमण के लिए राज्य के लोगों को सुविधा देने की थी।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना: आदिवासियों युवाओं की मेडिकल-इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन-अध्यापन कार्य के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू हुई थी वह अब आगे नहीं चलेगी।
चाक परियोजना: चाक (छत्तीसगढ़ एक्सीलरेटेड लर्निंग फार नालेज इकोनामी) परियोजना में विश्व बैंक से मदद लेकर स्कूली शिक्षा के पठन-पाठन कार्य समेत नवाचार करने की योजना का जिक्र नहीं है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना: न्याय योजना के तहत किसानों को मिलने वाला बोनस अब कृषक उन्नत योजना के रूप में मिलेगा।
कौशल्या समृद्धि योजना: महिलाओं को रोजगार दिलाने की भूपेश की कौशल्या समृद्धि योजना की जगह साय सरकार महतारी वंदन योजना चलाएगी।
मुख्यमंत्री बाल उदय योजना: बाल संप्रेक्षण गृहों से बाहर जाने की आयु 18 से बढ़ाकर 21 करते हुए इनके पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल उदय योजना शुरू की गई थी। इसके लिए एक करोड़ का प्रविधान किया गया था। इस बजट में प्रविधान नहीं है।
बेरोजगारी भत्ता योजना: भूपेश सरकार ने पिछले साल ही इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें 2.50 लाख से कम आमदनी वाले परिवार के युवक को 2,500 हर महीने देने का प्रविधान किया गया था।
स्वामी आत्मानंद योजना का स्वरूप भी बदलेगा: स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के तहत चलने वाली स्कूलों से कलेक्टरों का अधिपत्य हटाकर इसे स्कूल शिक्षा विभाग के हवाले किया जाएगा।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा अब कहलाएगी किसान वृक्ष मित्र योजना: प्रदेश में भूपेश सरकार में चल रही मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अब किसान वृक्ष मित्र योजना कहलाएगी। इसमें निजी भू-स्वामी, सरकारी और अर्द्ध सरकारी भूमि में तीन करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना : इसके तहत जर्जर-जीर्ण हो चुके हुए स्कूल भवनों को संवारने के लिए योजना बनाई गई थी। हालांकि साय सरकार ने इस योजना का जिक्र किए बिना ही 57 शासकीय हाई स्कूलों और 39 शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों का निर्माण करने के लिए 100 करोड़ का प्रविधान किया है।
मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना: भूपेश सरकार ने संग्रहालय में रखी गई प्रतिमाओं और इतिहास से संबंधित विरासत के लिए यह योजना शुरू की थी।
गृह निर्माण ऋण योजना: पत्रकारों के लिए निजी आवास निर्माण में सहयोग करने को सरकार ने यह योजना की शुरूआत की थी। इसमें 25 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज अनुदान और इसके लिए 50 लाख रुपये का प्राविधान किया गया था।
महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना: शहरी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क बनाने की योजना के लिए बजट में प्रविधान नहीं है।

     बजट में जनता के कल्याण की योजनाएं: साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि हमारी सरकार में जो योजनाएं जनहित व जनकल्याण के लिए है उनके लिए बजट में प्रविधान किया है। जनता ही सर्वोपरि है।

दिखी राजनीतिक दुर्भावना: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जन कल्याणकारी योजनाओं को इस सरकार ने बंद कर दिया। इन योजनाओं से गरीबों का भला हो रहा था। इन्हें बजट में प्रविधान न करते हुए इसे बंद कर सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना दिखाई है।

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