राजनांदगांव: स्टाफ नर्सों की हड़ताल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना रेफरल सेंटर, निजी अस्पतालों की बढ़ी कमाई

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By Manendra Patel                                                         August 30 2022, 1:19 AM [IST]

राजनांदगांव, (सार्थक दुनिया) | छत्तीसगढ़ में शासकीय कर्मचारी और अधिकारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। जिसके चलते सभी सार्वजनिक सेवाएं बदहाल हो चुकी है। पिछले सात दिनों से राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की स्टाफ नर्से भी इस हड़ताल में शामिल हो गई हैं। इसके चलते अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है। अस्पताल के सभी वार्डों से गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर करने का सिलसिला जारी हो गया है। इधर वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर जिला अस्पताल की नर्सों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेजने की तैयारी चल रही थी। लेकिन नर्सों ने एकजुट होकर इसका विरोध कर दिया।

मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की व्यवस्था बदहाल
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में नर्सों के हड़ताल में जाने से पूरी व्यवस्था बदहाल हो गई है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में नर्सों की कमी के चलते गर्भवतियों और नवजात शिशुओं को भी भर्ती नहीं लिया जा रहा हैं। दूसरे वार्ड में भी गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भर्ती लेने से मना कर रहे हैं। इस वजह से परिजन मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पताल या फिर जिला अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मेकाहारा रायपुर भेजा जा रहा है।
 जिला हॉस्पिटल में बढ़ रहा वर्क लोड
इस हड़ताल के चलते मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से मरीजों को रिफर किया जा रहा है। वहीं इसका असर जिला अस्पताल पर पड़ रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या और वर्क लोड बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में रविवार को रात में भी लगातार नए केस आते रहे। यहां एमसीएच में केस नहीं लिए जाने की वजह से जिला अस्पताल के वार्ड फुल होने लगे हैं। जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन को अलर्ट मोड पर आना पड़ा और रात को ही भर्ती होने वाले मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था करनी पड़ी।
 नर्सों को मेडिकल कॉलेज भेजने की थी तैयारी
इधर वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर जिला अस्पताल की नर्सों को एमसीएच भेजने की तैयारी थी। सुबह ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया चल रही थी कि नर्सों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और कहा कि दूसरी जगह पर ड्यूटी लगाएंगे तो मजबूर होकर हड़ताल पर चले जाएंगे। नर्सों ने कहा कि जिला अस्पताल में रहकर सेवाएं दे रहे हैं फिर दूसरी जगह जाने का क्या औचित्य है। नर्सों के विरोध को देखते हुए अफसरों ने ड्यूटी लगाने का आदेश कैंसिल किया।
गायनिक वार्ड में बेड हुए फूल, मरीज निजी अस्पतालों में रेफर
जिला अस्पताल के प्रभारी का कहना है कि गायनिक और बच्चा वार्ड में सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं, क्योंकि एमसीएच में स्टाफ का रोना रोते हुए मरीजों को यहां भेज दिया जा रहा है। सबसे ज्यादा मरीज बच्चा वार्ड और एसएनसीयू में शिफ्ट किए गए हैं। यहां बेड फुल होने की स्थिति बन गई है। बेड़ फुल होने पर परिजन मजबूर होकर मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करा रहे हैं। इस वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल में भीड़ बढ़ रही है।

 

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