रात के समय ट्रेनों में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को अब घबराने की जरूरत नहीं है. उनकी सुरक्षा और मदद के लिहाज से बिलासपुर रेल मंडल ने महिला महिला सुरक्षा बलों और अधिकारियों की गश्ती शुरू की है.
बिलासपुर, (सार्थक दुनिया न्यूज़) | रात के समय ट्रेनों में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को अब घबराने की जरूरत नहीं है. किसी तरह की परेशानी या शिकायत होने पर वे महिला आरपीएफ से अपनी बात साझा कर सकती हैं.
उनकी सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रात में महिला बल सदस्य व अधिकारियों से गश्त कराई जा रही है. बिलासपुर मंडल में अभी ये सुविधा अमरकंटक व सारनाथ एक्सप्रेस में शुरू हो गई है. स्टाफ संख्या बढ़ते ही अन्य ट्रेनों में स्कार्टिंग कराने की योजना है.
क्यों पड़ी जरूरत
कई बार ऐसा देखा गया कि महिलाएं खुलकर समस्याएं नहीं बता पाईं. उनमें झिझक रहती है. इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यात्रियों की बेहतर सुरक्षा व सुविधा के लिए बिलासपुर रेल मंडल में महिला स्टाफ के कंधों पर जिम्मेदार बढ़ाई गई है. महिला अधिकारी व बल सदस्य ट्रेनों में रात्रिकालीन गश्त कर रही हैं. चूंकि शुरुआती व्यवस्था है, इसलिए केवल भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस और दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस में स्कार्टिंग कराई जा रही है.
इन ट्रेनों से हुई शुरुआत
गश्त के दौरान महिला बलकर्मी रात नौ बजे अमरकंटक एक्सप्रेस में स्कार्टिंग करते हुए अनूपपुर तक जाती हैं और वहां से सारनाथ एक्सप्रेस में गश्त करते हुए बिलासपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचती हैं. महिला बल सदस्यों को ट्रेन में देखकर यात्रा कर रही महिला यात्री सुरक्षित महसूस कर रही हैं. गश्त के दौरान उनसे बल सदस्य समस्या भी पूछती हैं.
पहले थी स्टाफ की कमी
ट्रेनों के साथ-साथ आरपीएफ पोस्ट में भी महिला अधिकारी व बल सदस्यों की ड्यूटी लगाई जा रही है. यह व्यवस्था रेल मंडल के लगभग सभी पोस्ट व आउटपोस्ट में हैं, ताकि रात में यदि किसी महिला यात्री को परेशानी हो तो उनकी मदद की जा सके. पहले आरपीएफ में महिलाओं की कमी थी. इसलिए चाहकर भी सुरक्षा की यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाती थी. अब बिलासपुर रेल मंडल के पास 27 अधिकारी व बल सदस्य हैं.
हो रहे नए-नए प्रयास
इस सम्बन्ध में बिलासपुर बिलासपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त ऋषि शुक्ला ने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जोन मुख्यालय स्तर पर नए-नए प्रयास किए जाते हैं. आइजी के आदेश पर ही ट्रेनों में रात्रिकालीन गश्त व आरपीएफ पोस्ट में रात्रिकालीन ड्यूटी लगाई जा रही है. आगे कोशिश रहेगी की अन्य ट्रेनों में महिला स्टाफ से स्कार्टिंग कराई जाए. ताकि महिलाओं को ट्रेनों में होनी वाली समस्याओं का समाधान तुरंत हो सके और उन्हें सुरक्षा मिले.