By Laxminarayan Malviya
August 13 2022, 01:28 PM [IST]
भोपाल | रायसेन की महिला से रेप के आरोप में भोपाल की जेल में बंद मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यनंद गिरी कभी ऑयल मिल में काम करता था। मिर्ची बाबा भिंड के गांव बिरखड़ी का रहने वाला हैं, जो गोहद से 6 किलोमीटर दूर है। मिर्ची बाबा का असली नाम राकेश दुबे है। जानकारी के अनुसार मिर्ची बाबा का पिता मंदिर में पुजारी थे। मिर्ची बाबा के तीन भाई है। जिसमें से एक छोटा भाई भी सन्यासी है
ऑयल मिल में काम करने के बाद राकेश कैसे बना नागा बाबा
मिर्ची बाबा के पैतृक गांव में रहने वाले गुड्डू सिंह बताते हैं कि मिर्ची बाबा चार भाइयों में तीसरे नंबर का था और उसका नाम राकेश दुबे है। राकेश दुबे उर्फ मिर्ची बाबा 1995 में ऑयल मिल में तेल निकालने का काम करता था। 1997 में गांव के एक व्यापारी के यहां ऑयल मिल में काम करने लगा। उसके बाद उसका मन नहीं लगा तो उसने अपने हिस्से की 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीद लिया। घाटा हुआ तो ट्रक बेचकर गुजरात के अहमदाबाद चला गया वहां प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने लगा। वहीं से उसके अंदर नागाओं बाबाओं के प्रति आकर्षण और सन्यासी बनने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। इसके बाद में वापस लौटा तो मिर्ची बाबा बन चुका था।
कैसे बनाई राजनीति में पकड़
राकेश दुबे उर्फ मिर्ची बाबा ने अमदाबाद की फैक्ट्री ने कुछ समय तक काम किया। इसके बाद वो गायब हो गया। सन 2000 में राकेश गांव के एक ट्रक ड्राइवर को इंदौर में मिला, लेकिन उसकी पहचान बदल चुकी थी। अब्बू राकेश दुबे से मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्य नंद गिरी बन चुका था और मिर्ची की धूनी चलाता था। गांव लूटा तो भिंड मुरैना ग्वालियर में भागवत करने लगा। भागवत के जरिए उसने राजनेताओं से कनेक्शन साधना शुरू कर दिए। भिंड मुरैना ग्वालियर में भी घूम घूम कर भागवत करने लगा। यहीं से वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आया।
पिता की तेरहवीं में 20 हजार लोगों को खिलाया था खाना
2018 में मिर्ची बाबा के पिता का निधन हो गया था और उसने पिता की तरहवीं को एक बड़े आयोजन के तौर पर लिया। मिर्ची बाबा ने करीब 20 हजार से अधिक लोगों को पिता की तेरहवीं भी में भोज कराया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के कई मंत्री और विधायक शामिल हुए थे। यहीं से मिर्ची बाबा ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को साधने की कोशिश की और 2019 के लोकसभा इलेक्शन में भोपाल से सांसद के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए उसने साधु-संतों की टीम उतार दी। इस दौरान उसने दिग्विजय सिंह की जीत के लिए 500 किलो मिर्च का हवन किया और भविष्यवाणी की कि अगर दिग्विजय सिंह नहीं जीते, तो वे जल समाधि ले लेगा, हालांकि जल समाधि मुद्दे पर उसकी खूब किरकिरी हुई थी, क्योंकि दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे।
कमलनाथ सरकार में मिला था राज्यमंत्री का दर्जा
वैराग्यनंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा 2018 में एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ से जुड़ गया। कांग्रेस पार्टी में हिंदुत्व के मुद्दों पर काम करने लगा। कांग्रेस सत्ता में आई तो उसे राज्यमंत्री का दर्जा भी मिला। बाबा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से मोबाइल का स्पीकर ऑन कर बात करता था। इसका असर यह हुआ कि भिंड और मुरैना ग्वालियर के कई कांग्रेसी नेता उसके आगे पीछे घूमने लगे, लेकिन रेप के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद मिर्ची बाबा का कोई समर्थन करते नहीं दिख रहा है। इतना ही नहीं उसके चेले और साथ में रहने वाले तक गायब हो चुके हैं।
मिर्ची बाबा कैसे बना रेप का आरोपी
रायसेन की रहने वाली एक महिला ने मिर्ची बाबा के खिलाफ रेप और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है। रेप पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि बाबा ने मुझे भोपाल में मिनाल रेसीडेंसी आने के लिए बोला मैं अकेली बाबा के मिनाल रेसीडेंसी पहुंच गई। वहां मुझे बाबा का चेला गोपाल लेने आया। फिर मैं बाबा के बंगले पर गई बंगला दो मंजिला है। वहां बाबा मिले। मुझे बड़े प्रेम से बैठाया। घर में एक बाई थी, जिसने मुझे चाय पानी दिया। बाबा ने मुझे सारी बात पूछी मैंने अपनी सारी परेशानियां बताई। बाबा ने हाथ की नस देखी। बोला कि तुम को संतान हो जाएगी। तुम कल 12 बजे आना। मुझे बाबा ने कुछ साबूदाना जैसी गोलियां दी बोला घर पर रख देना और भभूत खा लेना। इसके बाद बाबा ने मिनाल रेसीडेंसी डुप्लेक्स पर उसके साथ रेप किया।इसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने बाबा को ग्वालियर से गिरफ्तार किया। पेशी के बाद कोर्ट ने 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया।