भारतीय रेल द्वारा आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों में लगे आरक्षित जनरल कोच को जनरल कोच में बदलने की तैयारी की जा रही है। कोरोना के कारण रिजर्वेशन कराकर ही रेल यात्रा करने के नियम बनाए गए थे। अब इसे समान्य किया जा रहा है।
Dilip Kumar Shukla
Thu, 12 Nov 2021 12:26 PM (IST)
रेलवे ने की जनरल टिकट से यात्रा शुरू कराने की तैयारी
भागलपुर, बिहार। यात्रियों के लिए खुशखबरी है। शीघ्र ही लोकल सफर के लिए आरक्षण का झंझट खत्म होने वाला है। जल्द ही आप जनरल टिकट लेकर एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर कर सकेंगे। इसके लिए विशेष बनकर चल रही भागलपुर की आधा दर्जन सहित पूर्व रेलवे की सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे आरक्षित जनरल कोच को जनरल कोच में बदलने की तैयारी चल रही है।
भागलपुर और दिल्ली के बीच चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस, भागलपुर-दादर एक्सप्रेस, भागलपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस, भागलपुर-रांची एक्सप्रेस, जमालपुर-हावड़ा सुपरफास्ट, जमालपुर-कविगुरु एक्सप्रेस, गोड्डा-भागलपुर-रांची एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में जनरल टिकट पर भी यात्रा कर सकेंगे। 15 नवंबर के बाद लोकल रूट की ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा शुरू होने उम्मीद है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक मालदा मंडल ने एक्सप्रेस ट्रेनों का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा है। अनुमति मिलते ही पुरानी व्यवस्था फिर से लागू हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक शुरुआत में दो से चार अनारक्षित कोच ही लगाए जाएंगे। इससे ना सिर्फ टिकट के रिजर्वेशन के झंझट से सहूलियत मिलेगी बल्कि किराया भी कम हो जाएगा। इस समय इन बोगियों में महज 40 से 50 प्रतिशत यात्री ही यात्रा कर रहे हैं। आरक्षण खत्म होने पर यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही रेलवे की आय में भी इजाफा होगा।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद लगे लाकडाउन के बाद साहिबगंज-भागलपुर-किऊल रेलखंड पर चार माह बाद जुलाई 2020 में पहली ट्रेन ब्रह्मपुत्र मेल और उसके बाद अगस्त-सितंबर में विक्रमशिला एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हुआ था। नवंबर-दिसंबर में ट्रेनों का परिचालन सामान्य हुआ और स्पेशल ट्रेनों के रूप में परिचालन शुरू किया गया। इन ट्रेनों के जनरल कोच में भी यात्रा करने के लिए रिजर्वेशन अनिवार्य था। केवल पैसेंजर ट्रेनों में ही जनरल टिकट मान्य है।
एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे आरक्षित जनरल कोच को जनरल कोच में बदलने की तैयारी चल रही है। शुरुआत में एक से चार अनारक्षित कोच ही लगाए जाएंगे। मुख्यालय की अनुमति मिलने पर पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू किया जाएगा।
– पवन कुमार, सीनियर डीसीएम सह सीपीआरओ, मालदा मंडल