ख़ास ख़बर | सार्थक दुनिया, बालकोनगर
“बालको में 18 साल से काम कर रहा हूं। मेरे लिए यह आज भी उतना ही रोमांचक है जितना यहां मेरा पहला दिन था।” ये शब्द बालको के पॉटलाइन में काम करने वाले कृष्ण श्रीवास के हैं। उन्होंने आगे बताया कि यहां मैं अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहता हूं। विकसित भारत के लिए एल्यूमिनियम निर्माण का कार्य कर रहा हूं। मेरे बच्चों को बालकोनगर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। यहां काम करने के साथ परिवार को मिलने वाली सभी सुविधाओं से उन्हें खुश और संतुष्ट देखकर मुझे शांति मिलती है। परिवार के बारे में बताते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान साफ झलक रही थी।