अपोलो अस्पताल प्रबंधन और मृतक महिला के परिजनों के बीच जमकर बहस हुई।
इलाज? 15 दिन कुछ नहीं बताया, मौत के बाद 9 लाख का बिल दिया अपोलो ने
अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर उस महिला के इलाज के एवज में 10 लाख रुपए मांगने का आरोप लगा है जो अब इस दुनिया में नहीं रही। परिजनों ने डॉक्टर और प्रबंधन पर ना सिर्फ इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है बल्कि मामले में न्याय की मांग की है। पीड़िता बच्चादानी में परेशानी से पीड़ित होकर अपोलो पहुंची थी और बाद में उसे कोरोना पॉजिटिव बताकर दूसरे वार्ड में इलाज के लिए शिफ्ट कर दिया गया।
बिलासपुर डेस्क | 15 दिनों तक इलाज चला और बुधवार को परिजनों के हंगामे के बाद प्रबंधन ने बता दिया कि उसकी मृत्यु हो गई है। पति ने इसकी शिकायत अतिरिक्त कलेक्टर से की है और अपनी पीड़ा बताई है। अतिरिक्त कलेक्टर ने मामले में सीएमएचओ को जांच की बात कह कर चिट्ठी आगे बढ़ाई है। तारबहार में रहने वाले एक परिवार ने अपोलो अस्पताल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने महिला के इलाज में लापरवाही बरती है। आरोप है कि जब महिला को लाया गया तब उसकी हालत ठीक थी लेकिन कुछ दिन इलाज के बाद उसकी मृत्यु हो गई।
तारबाहर निवासी तसलीम बेगम 34 वर्ष को बीते 22 अप्रैल को बच्चेदानी में समस्या की वजह से अपोलो में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन पश्चात 26 अप्रैल को महिला के ठीक होने के बाद 27 को प्रबंधन ने डिस्चार्ज करने की जानकारी दी। 27 को महिला को कोविड पॉजिटिव बताते हुए अपोलो में उसका कोरोना उपचार शुरू कर दिया गया। 27 अप्रैल को कोरोना वार्ड में शिफ्ट करने के बाद महिला के स्वास्थ्य का स्टेटस जानने उसके परिजन हर दिन अपोलो में डटे रहे लेकिन महिला के स्वास्थ्य की अपडेट परिजनों को नहीं दी गई। इस दौरान सवा 2 लाख रुपए अपोलो ने बतौर उपचार फीस जमा करा ली। अपोलो अस्पताल में कुछ देर बाद महिला का पल्स जीरो बताया और उसकी मृत्यु होने की बात कही जिसके बाद ही परिजनों ने अपोलो के अधिकारियों से जमकर सवाल जवाब किए। यह विवाद काफी देर तक चलता रहा।
पति ने अतिरिक्त कलेक्टर से की ज्यादा बिल वसूलने की शिकायत
अपोलो में अधिक बिल वसूलने की शिकायत पति मोहम्मद इमरान ने अतिरिक्त कलेक्टर से शिकायत कर बताया है कि पत्नी के इलाज के एवज में अस्पताल ने साढ़े 9 लाख का बिल थमा दिया। यह 11 मई की बात है। उन्होंने 24 अप्रैल को पत्नी को भर्ती कराया लेकिन प्रबंधन के द्वारा लगातार इलाज को लेकर लापरवाही बरती गई। ठीक से उन्हें कम्युनिकेशन नहीं किया गया। इसलिए उन्होंने इसकी शिकायत अतिरिक्त कलेक्टर से की है।
आरोप निराधार, जांच में सच सामने आएगा : इस पूरे प्रकरण में अपोलो प्रबंधन पर लगाया जा रहा आरोप निराधार है। बिल वसूलने से लेकर कई बातें गलत कही जा रही है। मामला जांच का विषय है, जिसके बाद ही सच सामने आएगा।
देवेश गोपाल,
-पीआरओ अपोलो अस्पताल बिलासपुर