0 उत्पादों और तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई 0 दर्शन के लिए उमड़े हजारों ग्रामीण
रायगढ़, (सार्थक दुनिया) | सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती जिंदल स्टील एंड पॉवर में धूमधाम से भव्य समारोह के साथ मनाई गई। जेएसपी रायगढ़ के संयंत्र प्रमुख रमेश कुमार अजमेरिया ने संयंत्र में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। उन्होंने संयंत्र में तैयार होने वाले उत्पादों और जिंदल समूह से जुड़ी तस्वीरों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इस दौरान पूरे दिन कंपनी के गेट आम जनता के लिए खुले रहे। बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर देवशिल्पी का आशीर्वाद लिया।
भगवान विश्वकर्मा की जयंती शनिवार को मनाई गई। इस अवसर पर जेएसपी के सेंट्रल वर्कशॉप के सामने देव शिल्पी की प्रतिमा की स्थापना की गई। सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना कर प्रतिमा स्थापित की गई। जेएसपी रायगढ़ के प्लांट हेड आर.के. अजमेरिया ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा की। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी विश्वकर्मा जयंती पर प्लांट का मेन गेट आम जनता के लिए खोल दिया गया था। सुबह से ही लोग यहां स्थापित भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा के दर्शन और प्लांट घूमने के लिए पहुंचने लगे। इनमें बड़ी संख्या पतरापाली, किरोड़ीमल नगर, गोरखा, भगवानपुर, खैरपुर, कोसमपाली, उच्चभिट्ठी, गोदामडीपा, धनागर, कलमी सहित आसपास के ग्रामीणों की थी। शहर से भी काफी लोग यहां पहुंचे थे। भगवान के दर्शन कर उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया।
सेंट्रल गैरेज के सामने छायाकार कमल शर्मा द्वारा जिंदल समूह से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई गई। साथ ही कंपनी में तैयार होने वाले उत्पादों तथा सीएसआर के तहत विभिन्न समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को भी यहां प्रदर्शन के लिए रखा गया था। श्री अजमेरिया ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। हजारों की संख्या में उमड़े लोगों ने प्रदर्शनी का बड़ी उत्सुकता से आनंद लिया।
मानव संसाधन एवं कर्मचारी सेवाएं विभाग द्वारा आयोजन की पूरी व्यवस्था के साथ सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद भी वितरित किया गया। जेएसपी के जनसंपर्क विभाग द्वारा ग्रामीणों को कैलेंडर का वितरण किया गया। भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर और जेएसपीएल समूह के सभी संयंत्रों की तस्वीरों से सजे इस कैलेंडर को लेने के लिए भी लोगों ने खासा उत्साह दिखाया। पूरे दिन संयंत्र परिसर में मेले सा माहौल रहा। कोविड महामारी के प्रकोप की वजह से विगत दो वर्षों से यह आयोजन संभव नहीं हो सका था। इस वजह से लोगों में आयोजन को लेकर और भी ज्यादा उत्साह रहा।