बिलासपुर | सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा नहाय खाय के साथ प्रारंभ हुआ। इसी तारतम्य में शुक्रवार की शाम अरपा माता की महाआरती की गई। आमंत्रित अतिथियों संग शहरवासियों ने 10 हजार दीया जलाकर नदी में प्रभावित किया। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा का आयोजन घर में सुख, समृद्धि और संतान के लिए की जाती है और व्रती की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
नहाय खाय के साथ शुक्रवार को छठ पर्व की शुरुआत हो गई है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं ने स्नान कर सात्विक भोजन किया। शाम को अरपा तट पर पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के सहयोग से छठ मईया व अरपा माता की महाआरती की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रेमचंदजी महाराज ब्रह्मबाबा विशेष रूप से उपस्थित थे। समिति की महिला सदस्य व महाआरती की प्रमुख सपना सराफ ने जनप्रतिनिधि, नागरिकों, प्रबुद्धजनों द्वारा जलाए गए 10 हजार दीयों को नदी में प्रवाहित कराया।
आज शनिवार को खरना होगा। बता दें कि खरना कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि को होता है। इस दिन व्रती दिनभर व्रत रखते हैं और शाम को भगवान को प्रसाद चढ़ाकर भोजन करते हैं। खाने में वे गुड़ की खीर खाते हैं। इस दौरान किसी तरह का कोलाहल न हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है। श्रद्धालु अब 30 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पूजा संपन्न् होगी।
शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, आइजी रतनलाल डांगी, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, विधायक धरमजीत सिंह, रजनीश सिंह, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक, बिलासपुर मंडी अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला, क्रेडाई अध्यक्ष डा.अजय श्रीवास्तव, पूजा समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा, संरक्षक एसपी सिंह, सचिव अभय नारायण राय व उपाध्यक्ष रामप्रताप सिंह, एसके सिंह उपस्थित थे।