रायपुर । कोरोना संक्रमण काल में बिजली कंपनी ने मीटर रीडिंग सुविधा उपभोक्ताओं के लिए बंद कर रखा है। रीडिंग बंद होने के बावजूद बिजली कंपनी के जिम्मेदार औसत बिल उपभोक्ताओं को भेज रहे है। साफ्टवेयर से बिल भेजने के माध्यम से उन उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो शहर में नहीं है और उनका बिल हजारों में आ गया है। बिजली कंपनी की मनमानी उपभोक्ताओं ने पत्रकारों से साझा की।
बिजली कंपनी के अफसरों ने बताया कि औसत बिल पिछले तीन माह की रीडिंग को देखकर भेजा गया है। जो उपभोक्ता शहर के बाहर है, उन्हें मिनिमम बिल चुकाना होगा। औसत बिल जो भेजा गया है, उसको उपभोक्ता जमा कर दें। इस बिल को रीडिंग के दौरान दुरुस्त कर दिया जाएगा। जो उपभोक्ता औसत बिल जमा नहीं करेंगे और लॉकडाउन के दौरान की उनकी ड्यू डेट होगी, तो उन्हें सरचार्ज नहीं लगेगा। लॉकडाउन खुलने के बाद उपभोक्ता बिजली कंपनी के जोन कार्यालय में संपर्क करके अपनी समस्या का समाधान करा सकते हैं।
दो माह से रीडिंग है बंद
पिछले दो माह से मीटरों की रीडिंग कर्मचारियों द्वारा नहीं की जा रही है। मीटरों की रीडिंग भौतिक रूप से नहीं होने से उपभोक्ताओं का सत्यापन भी नहीं हो पा रहा है। उपभोक्ताओं ने फरवरी और मार्च माह में जितनी यूनिट बिजली खपत की है। अप्रैल माह में उसी खपत को जोड़कर उपभोक्ताओं को मैसेज दिया जा रहा है।
जिले में डेढ़ लाख उपभोक्ता
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार जिले में डेढ़ लाख उपभोक्ता है। इन सभी उपभोक्ताओं को औसत बिल भेजा गया है। जिन उपभोक्ताओं के बिल के संबंध में समस्या है, वो जोन कार्यालय में संपर्क कर सकता है। उपभोक्ताओं के लिए मशीन और ऑनलाइन बिल जमा करने का सुविधा वर्तमान में शुरू कर दी गई है।
उपभोक्ताओं को औसत बिल भेजा गया है। औसत बिल उपभोक्ता जमा कर देते है, तो बिजली कंपनी उपभोक्ता की यूनिट अनुसार बिल काटेगी और शेष आगामी बिल में एडजस्ट कर देगी। जो उपभोक्ता शहर के बाहर है, उन्हें मिनिमम बिल चुकाना होगा।
– अनीष लखेरा, एसई, गुढिय़ारी जोन