अब्दुल नजीर राज्यपाल बने, अयोध्या विवाद पर फैसले वाली पीठ के दूसरे जज को मिला बड़ा ओहदा

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Curated by नवीन कुमार पाण्डेय | सार्थक दुनिया न्यूज़.कॉम | Updated: 12 Feb 2023, 12:12 am

राज्यपालों की नई सूची में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एस. अब्दुल नजीर का नाम भी शामिल है। जस्टिस नजीर अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच के सदस्य रहे हैं। इस बेंच की अगुवाई करने वाले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजा जा चुका है।

हाइलाइट्स
• सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस. अब्दुल नजीर राज्यपाल नियुक्त
• राष्ट्रपति ने 13 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में नए राज्यपाल भेजे
• जस्टिस नजीर के अलावा कई नए चेहरे पहली बार बने राज्यपाल
नई दिल्ली: देश के 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को नए राज्यपाल (New Governors) मिल गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने कुछ नए चेहरों को राज्यों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि बनाकर भेजा है तो कुछ राज्यपालों का ट्रांसफर किया गया है। राष्ट्रपति भवन से जारी राज्यपाल के 13 नामों की लिस्ट में जो सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रहा है, वो है- जस्टिस (रिटायर्ड) एस. अब्दुल नजीर का। जस्टिस एस. अब्दुल नजीर (S. Abduj Nazeer) पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट जज के पद से रिटायर हुए हैं। जस्टिस नजीर अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ayodhya Controversy) की सुनवाई करने वाले पांच जजों की पीठ का हिस्सा रह चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय की जिस पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को अयोध्या विवाद का फैसला दिया था, जस्टिस नजीर उसके दूसरे सदस्य हैं जिन्हें रिटायरमेंट के बाद सरकारी नियुक्ति मिली है। जस्टिस नजीर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को राज्यसभा सांसद बनाया जा चुका है। अब जस्टिस (रिटायर्ड) एस. अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

कौन हैं जस्टिस नजीर, जानें
जस्टिस एस. अब्दुल नजीर कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के एक दूर-दराज गांव से आते हैं। नजीर ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था। स्कूली शिक्षा के दौर में ही पिता के निधन से पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे होने के बावजूद नजीर ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद लॉ डिग्री ली और कर्नाटक की अदालतों में वकालत की प्रैक्टिस करने लगे। उन्होंने रिटायरमेंट के मौके पर आयोजित समारोह में एक बात कही थी जो किसी का दिल छू लेगी। उन्होंने कहा था कि वो चाहते तो अयोध्या विवाद में बाकी चार जजों के उलट अपनी राय रखकर अपने समुदाय का हीरो बन जाते, लेकिन उन्होंने देशहित को सर्वोपरि समझा।
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल सभी पांचों जजों ने एकमत से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था। जस्टिस नजीर तीन तलाक के खिलाफ फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच के भी सदस्य रहे थे।
 राज्यपालों की लिस्ट में कई नए नाम
13 राज्यपालों की ताजा लिस्ट में शिव प्रताप शुक्ल, लक्ष्मण आचार्य बनारस, गुलाबचंद्र कटारिया, लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक समेत कुछ अन्य शख्सियतों को पहली बार राज्यपाल बनाया गया है। इसी लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस. अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। वहीं, फागू चौहान, अनुसइया उइके, रमेश बैस आदि को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया गया है। जस्टिस (रिटायर्ड) एस. अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया (Andhra Pradesh New Governor) गया है जहां वाएसआर कांग्रेस का शासन है और मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी हैं। केंद्र की सत्ता में आसीन बीजेपी की नजर दक्षिण राज्यों पर है। पार्टी आंध्र प्रदेश में भी अपनी संभावनाएं तलाश रही है। जस्टिस नजीर खुद दक्षिण के राज्य कर्नाटक से हैं, इस कारण बीजेपी को आंध्र प्रदेश में अपना मकसद साधने में आसानी हो सकती है।

 

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