अनिल अग्रवाल के हाथ अफ्रीका में लगा ‘खजाना’, अब रॉकेट बनेंगे वेदांता के शेयर!

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बिहार में जन्मे अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांदा ग्रुप के लिए दूर अफ्रीका से गुड न्यूज आई है। जांबिया में उसके हाथ फिर से एक कॉपर खदान लग सकती है। पिछले महीने कॉपर की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।

विशेष रिपोर्ट, सार्थक दुनिया, नई दिल्ली 
अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के लिए अफ्रीका से गुड न्यूज आई है। जांबिया की एक अदालत ने एक कॉपर खदान के लेनदारों को बकाया चुकाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इससे वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड कोंकोला कॉपर प्रोजेक्ट का कंट्रोल फिर से हासिल कर सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जांबिया की राजधानी लुसाका की एक अदालत ने शुक्रवार को एक स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को मंजूरी दे दी। कोंकोला कॉपर माइंस पीएलसी के लेनदारों ने भी इसका सपोर्ट किया है। इस दक्षिणी अफ्रीकी देश के खान मंत्री पॉल काबुसवे ने फेसबुक पर यह जानकारी दी। वेदांता साल से 2019 से ही इस एसेट को फिर से हासिल करने की कोशिश में लगी है। पिछली सरकार ने इस खान के मालिक पर विस्तार योजनाओं के बारे में झूठ बोलने और बहुत कम टैक्स देने का आरोप लगाते हुए इसे प्रॉविजनल लिक्विडेशन में डाल दिया था।
खदान को फिर से हासिल करने के लिए वेदांता को अब ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं का कर्ज चुकाने के लिए $250 मिलियन जारी करने होंगे। वेदांता का कहना है कि वह भुगतान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी ने साथ ही खदान की विस्तार परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगले पांच साल में $1 अरब का निवेश करने की भी प्रतिबद्धता जताई है। कोंकोला खदान की सालाना उत्पादन क्षमता 300,000 टन है। पिछले महीने दुनिया में कॉपर की कीमत रेकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी। यह धातु एनर्जी ट्रांजिशन के लिए अहम है। इस खान का प्रमुख ऑपरेशन कोंकोला डीप जमीन के भीतर एक मील तक फैला हुआ है। यह दुनिया की सबसे गीली खदानों में से एक है। इसे चालू करने के लिए रोजाना 140 ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल के बराबर पानी को सतह पर पंप करने की आवश्यकता होती है।
निवेशकों की चांदी
वेदांता ग्रुप के शेयरों में इस साल रेकॉर्ड तेजी आई है। इस साल कमाई के मामले में उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) और टाटा ग्रुप (Tata Group) को पीछे छोड़ दिया है। ग्रुप की कंपनियों में वेदांता लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड शामिल हैं। चालू फाइनेंशियल ईयर में वेदांता ग्रुप के निवेशकों की वेल्थ में काफी इजाफा हुआ है। इस दौरान दोनों कंपनियों का कंबाइंड मार्केट कैप 2.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। आंकड़ों के मुताबिक 28 मार्च से 20 जून के बीच वेदांता समूह के कुल बाजार पूंजीकरण में 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हुई। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा ग्रुप और टाटा ग्रुप जैसे देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

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